थोड़ा जल स्वयं पी लें और मिश्री प्रसाद के रूप में बांट दें।
Shiv Chalisa is usually a “forty verse” prayer which praises the Lord and asks for his help in getting rid of hardships and hurdles in devotee’s lifestyle.
पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी ॥ दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं ।
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥
ध्यान पूर्वक होम करावे ॥ त्रयोदशी व्रत करै हमेशा ।
शिव चालीसा - जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला.
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव…॥
पुत्र होन कर इच्छा जोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥
देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥
मैना मातु की ह्वै दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
कार्तिक श्याम और shiv chalisa lyricsl गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥
नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीस।
Chanting of Shiva Chalisa is done via the devotees in order to please and acquire the blessings of their beloved deity – Lord Shiva.